गणेशजी का विवाह
Ganesh Vivah Ki Kahani . हिन्दू धर्मग्रंथो में यह कहानी आती है की भगवान श्री गणेश का विवाह दो कन्याओ से हुआ था | यह कन्याये – रिद्धि और सिद्धि थी | ये दोनों देवशिल्पी विश्वकर्मा की पुत्रियाँ थी | पर यह विवाह इतना आसानी से नही हुआ था , इसके लिए बुद्धि के देवता ने बहुत पापड़ बेले थे . आइये जानते है मजेदार किस्से गणेश जी के विवाह से जुड़े हुए .
विवाह में विध्न डालने लगे थे गणेश जी :
गणेश जी की शादी से पहले वे अपने आप से नाराज रहते थे | उनके शरीर पर हाथी का सिर , बाहर निकला हुआ पेट और गणेश जी का वाहन एक चूहा | इन कारणों की वजह से कोई लड़की उनसे शादी के लिए सहमति नही दर्शा रही थी | इस बात से गणेश जी नाराज थे और जिस स्थान पर भी कोई विवाह होने वाला होता , वहा विध्न डाल देते थे | इन हरकतों से देवी देवता परेशान होने लगे | वे सब भली भाती जानते थे की इन सभी का एक ही निवारण है और वो है भगवान श्री गणेश का विवाह |
भगवान ब्रह्मा ने तब रिद्धि और सिद्धि से गणेश जा विवाह कराने का प्रस्ताव दिया और फिर धूम धाम से गणेशजी का विवाह किया गया |
गणेश जी की संतान
गणेश जी के दो पुत्र शुभ और लाभ और एक पुत्री संतोषी ने जन्म लिया | ये सब मिलाकर मंगलमय परिणाम लाने वाले होते है . यही कारण है कि दिवाली या मांगलिक पूजा पाठ में हम रिद्धि सिद्धि शुभ लाभ को काम में लेते है .
शुक्रवार को माँ संतोषी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है .
Conclusion (निष्कर्ष )
तो दोस्तों यहा हमने बताया कि कैसे गणेश जी विवाह हुआ और उनकी पत्नी और उनकी संतान के बारे में भी आपने जानकारी प्राप्त की .
आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा .
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