गायत्री मंत्र – जप विधि और फायदे

Importance Of Gayatri Mantra In Hindi . हमारे सनातन धर्म में मंत्र जप एक ऐसा उपाय है, जिससे हम आध्यातिम्क शक्ति के करीब पहुंचते है और ईश्वर की कृपा से हम अपनी समस्याओ को दूर कर पाते है । शास्त्रों में मंत्रों को बहुत शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावी मंत्रों में से एक मंत्र है गायत्री मंत्र। यह सदियों से उच्चतम मंत्रो में गिना जाता है | इसे ॐ नमः शिवाय पंचाक्षर मंत्र और महामृत्युञ्जय मंत्र के समक्ष रखा गया है | इसके जप से बहुत जल्दी शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।

गायत्री मंत्र की शक्ति


कौन है गायत्री माता 

गायत्री माता को वेद माता भी कहा जाता है . बताया जाता है कि यह जगत रचियता ब्रह्मा जी की पत्नी है . दूसरी पत्नी का नाम सावित्री है .

इनके 10 हाथ है और ये माता कमलासन पर विराजमान है . इन्हे वेद माता भी कहा जाता है क्योकि इन्होने वेदो की रचना की है .

कौन है गायत्री माँ


गायत्री मंत्र जप का समय : गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra in Hindi ) का जप कब करे ? यदि आप इसका उत्तर जानना चाहते है तो पढ़ते रहे |

गायत्री मंत्र के जप का पहला समय है सुबह का। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले ब्रह्म मुहूर्त मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए और सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।

मंत्र जप के लिए दूसरा समय है दोपहर का। दोपहर में भी इस मंत्र का जप किया जाता है।

इसके बाद तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले प्रदोष काल में । सूर्यास्त से पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए।

यदि संध्याकाल के अतिरिक्त गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिए। मंत्र जप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra): ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

गायत्री मंत्र का अर्थ (Meaning of Gayatri Mantra) : सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते है, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग (सही और सत्य मार्ग ) की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र जप की विधि (Gayatri Mantra Jap ki Vidhi):

 इस मंंत्र के जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है। जप से पहले स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र कर लेना चाहिए। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री माता का ध्यान करते हुए मंत्र का जप करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जप के फायदे (Gayatri Mantra Jap ke Fayde):

  • उत्साह एवं सकारात्मकता बढ़ती है।
  • त्वचा में चमक आती है।
  • बुराइयों से मन दूर होता है।
  • हम बुराई के मार्ग से सत्मार्ग की बढ़ते है |
  • धर्म और सेवा कार्यों में मन लगता है।
  • पूर्वाभास होने लगता है।
  • ईश्वर की शक्ति हमारे आस पास रहती है और हमें अनुभव होती है |
  • आशीर्वाद देने की शक्ति बढ़ती है।
  • स्वप्न सिद्धि प्राप्त होती है।
  • क्रोध शांत होता है।
  • इस मंत्र का जप करने से आत्म बल और तेज बढ़ता है . मन में सकरात्मक शक्तियां अत्यधिक हो जाती है . 

Conclusion (निष्कर्ष ) 

आपने इस आर्टिकल में जाना कि सबसे जाग्रत मंत्र गायत्री मंत्र का क्या महत्व और लाभ है . गायत्री मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए और इसके क्या फायदे है . 

आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा . 

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