भगवान गणेश का कलियुग धूम्रवर्ण अवतार
Bhagwaan Ganesh Ka Kaliyug Avatar कलियुग में भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और भगवान गणेश भी इसी समय धूम्रवर्ण अवतार लेने वाले है . गणेश पुराण में बताया गया है कि गणेश जी भी समय समय पर अवतार लेते आये है . हमने पहले की पोस्ट में बता दिया था कि गणेश जी ने कौनसे अवतार लिए है .
आज हम इस आर्टिकल में गणेश जी के कलियुग अवतार की बात करने वाले है जिनका नाम धूम्रवर्ण होगा .
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कैसे होगा रूप धूम्रवर्ण अवतार का
गणेश पुराण बताती है की घोर कलियुग आने पर धरती को पाप से मुक्ति के लिए भगवान श्री गणेश फिर से अवतार लेंगे और उनका नाम शूर्पकर्ण , धूम्रकेतु और धूम्रवर्ण होगा | इस अवतार में वे नीले घोड़े पर विराजित होंगे | वे पापियों पर अत्यंत क्रोधित होंगे जिससे इनका शरीर महातेजस्वी होगा | इनके शरीर से ज्वालाए निकलती रहेगी |
वे अपने एक महाबलशाली सेना के साथ अपने नील अश्व पर बैठकर खड्ग हाथ में लिए शत्रुओ का विनाश करेंगे | वे तब तक दुष्टो का संहार करते रहेंगे जब तक यह धरती उनके पापो से मुक्त नही हो जाती | वे अपने भक्तो की रक्षा कर उन्हें सहारा देंगे और फिर इस तरह सतयुग का आरम्भ होगा |
कैसा होगा कलियुग :
आने वाला समय कलियुग में वे सभी पाप चरम पर होंगे जो इस समय धीरे धीरे दिखाई दे रहे है | पंडितो का कार्य दुसरे वर्ण वाले करने लगेंगे | पंडित पेटू हो जायेंगे | अधर्म की जीत होती रहेगी | देवी देवताओ पर भुत प्रेत को लोग पूजने लगेंगे | बलशाली व्यक्ति कमजोरो का शोषण करेंगे | काम क्रोध लोभ पाप अपने चरम चोटी पर होगा | मनुष्य की उम्र बस 16 साल रह जाएगी | पांच छ साल में प्रसव होने लग जायेगा | समय पर वर्षा नही होगी | खाने पीने के अन्न की कमी हो जाएगी | तीर्थ स्थल खत्म कर दिए जायेंगे |
Conclusion (निष्कर्ष )
तो दोस्तों हमने आपको यहा Ganesh Ji Ke Kaliyug Avatar की जानकारी दी जिसमें आपने जाना कि गणेश जी कलियुग के अंत में शूर्पकर्ण (धूम्रवर्ण) के नाम से जाने जायेंगे .
आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा .
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