गणेश अष्ट नामाष्टक –स्त्रोत की महिमा

सभी देवी देवताओ में प्रथम पुज्य श्री गणेश जी अपने भक्तो में कई प्रसिद्ध नामो से जाने जाते है . हमने पहले आपको गणेश जी के 12 नाम पाठ की जानकारी दी थी अब हम आपको शास्त्रों से इनके 8 नाम पाठ बताने वाले है .


गणेश पुराण के अनुसार भगवान श्री गणेश के अष्ट नाम इस तरह है :

गनेशमेकदंत च हेरम्बम विध्ननाशकं

लम्बोदरं शूर्पकर्णम गजवक्त्रं गुहाग्रजम ||

गणेश जी के आठ नामो का अर्थ


गणेश ,एकदंत , हेरम्ब , विध्ननाशक ,लम्बोदर ,शूर्पकर्ण , गजवक्त्र ,गुहाग्रज ये आठ नाम श्री गणेश के अष्ट नामाष्टक –स्त्रोत है |

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गणेश  अष्ट नामाष्टक –स्त्रोत की महिमा :

इन नमो की महिमा अति उच्चतम स्तर की है | ये नाम सभी मंगल करने वाले और कृपा की सरिता बहाने वाले है | जो भक्त इसका नियमित पाठ करते है वे सभी सुख संपदाओ को प्राप्त करते है | पाठ करने वाले महा बुद्धि के पात्र और उनके जीवन में कोई विध्न ही नही रहता | मनोकामना पूर्ति वाला यह अष्ट नामाष्टक –स्त्रोत सिर्फ भाग्यवानो को ही प्राप्त है | यदि आप ऐसे पढ़ रहे है तो यह समझ ले की आप पर गणपति की कृपा है |

अष्ट नामाष्टक में गणेश जी के नामो का अर्थ 

आइये जाने गणेश जी के अष्ट नामो के अर्थ और उनकी व्याख्या .

गणेश :- गणों में  सबसे बड़े 

एकदंत :- एकदंत गणेश जिनके एक दांत है . 

हेरम्ब  :-  जो दीन दुखियो के कष्टों को दूर करने वाले है . 

विध्ननाशक :- विध्नो को दूर करने वाले देवता 

लम्बोदर :- जिनका पेट (उदर ) बहुत बड़ा हो क्योकि वे खाने में मिठाइयो के शौकीन है . 

शूर्पकर्ण  :- जिनके कान (कर्ण ) शूर्प के समान हो . 

गजवक्त्र :- हाथी (गज ) के मुख वाले गणेश जिनके मस्तिष्क पर विष्णु द्वारा दिया गया फूल शोभायमान है . 

गुहाग्रज :- गुह (स्कन्द ) से पूर्व जन्म लेकर जो देवताओ में सबसे पहले पूजनीय है . 

Conclusion (निष्कर्ष ) 

तो दोस्तों आपने गणेश जी के आठ शक्तिशाली और महिमापूर्ण नामो के बारे में जाना जिनका पाठ करने से आप सभी सुखो को प्राप्त करते है . आपके सभी विध्न और संकट दूर होते है . 

आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा . 

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