दान करते समय ध्यान रखे ये 10 नियम और बाते
Daan Karte Samay Dhyan Rakhne Wali Baate
शास्त्रों में बताया गया है की व्यक्ति को अच्छे कर्मो द्वारा कमाए गये धन का दंसवा भाग दान करना चाहिए | यह दान ईश्वर के मंदिर या जरुरतमंदो के लिए हो तो बहुत उत्तम है | दान करते समय आपको कुछ नियमो का पालन जरुर करना चाहिए | आइये जाने वे सभी मुख्य बाते जो आपके दान को सार्थक बनाती है .
दान देते समय याद रखे ये बाते
🔵 स्वयं जाकर दिया हुआ दान उत्तम एवं घर बुलाकर दिया हुआ दान मध्यम फलदायी होता है। जब गौ, ब्राम्हणों तथा रोगियों को कुछ दिया जाता हो, उस समय यदि कोई व्यक्ति उसे न देने की सलाह देता हो, तो वह दुःख भोगता है।
🔵 तिल, कुश, जल और चावल को हाथ में लेकर दान देना चाहिए अन्यथा उस दान पर दैत्य अधिकार कर लेते हैं। पितरों को तिल के साथ तथा देवताओं को चावल के साथ दान देना चाहिए। परन्तु जल व कुश का संबंध सर्वत्र रखना चाहिए।
🔵 गाय, शय्या, घर, वस्त्र, तथा कन्या, इनका दान एक ही व्यक्ति को करना चाहिए। रोगी की सेवा करना, देवताओं का पूजन और ब्राह्मणों के पैर धोना, गौ दान के समान पुण्य देने वाला बताया गया है ।
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🔵 दान करने वाले का मुख पूर्व दिशा में और दान स्वीकार करने वाले का मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए | ऐसा करने से दोनों की आयु बढती है |
🔵 दान करते समय कभी भी घमंड नही करना चाहिए , ना ही किसी के सामने दान के बारे में बढ़ा चढ़ा कर बोले |
🔵 दीन, निर्धन, अनाथ, गूंगे, विकलांग तथा रोगी मनुष्य की सेवा के लिए जो धन दिया जाता है उसका महान पुण्य होता है।
🔵 गाय, स्वर्ण, चांदी, रत्न, विद्या, तिल, कन्या, हाथी, घोड़ा, शय्या, वस्त्र, भूमि, अन्न, दूध, छत्र तथा आवश्यक सामग्री सहित घर इन 16 वस्तुओं के दान को महादान कहते हैं।
🔵 शास्त्रों के अनुसार कुछ चीजो का दान नही करना चाहिए क्योकि इससे दोष लगता है . इसमे हथियार और धारदार चीजे , झाड़ू , स्टील के बर्तन आदि चीजे आती है .
सारांश
- तो दोस्तों दान देते समय कुछ जरुरी बातो का जरुर ध्यान रखे जो बहुत ही जरुरी होती है , इससे दानकर्ता को पूरा फल प्राप्त होता है .
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