चैत्र पूर्णिमा का महत्व अत्यधिक क्योकि जन्मे थे श्री हनुमान
Chaitra Purnimaa 2023 Importance Aur Upaay
वैसे तो हर महीने ही पूर्णिमा आती है और उसका अत्यंत महत्व होता है . यह सकारात्मकता से भरा दिन होता है .
हिन्दू कैलेंडर विक्रम सवंत का पहला महिना चैत्र में आने वाली पूर्णिमा बहुत बड़ी मानी गयी है . इस दिन अजर अमर वायुपुत्र श्री हनुमान जी का अवतरण हुआ था , साथ ही कहते है की द्वापर युग में श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ इसी पूर्णिमा की रात को रास रचाया था .
चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र धार्मिक नदियों के पानी से स्नान करने और दान पूण्य करने से अक्षत पूण्य की प्राप्ति होती है .
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
यह हिन्दू पंचांग में नवसंवत्सर की पहली पूर्णिमा है , साथ ही इस दिन शिव के ग्यारवे रुद्रावतार श्री हनुमान जी का राम कार्य को पूर्ण करने के लिए वानर कुल में जन्म हुआ था .
हनुमान को माँ सीता का आशीर्वाद मिला हुआ है कि वे अजर अमर है . हनुमान जी को संकटहरण मंगल करण देवता कहा जाता है .
चैत्र पूर्णिमा के दिन किये जाने वाले उपाय
🔵 चैत्र पूर्णिमा का दिन मुख्य रूप से हनुमान जी की पूजा से जुड़ा हुआ है .
🔵 चैत्र पूर्णिमा के दिन गंगा जल से नहाने से पापो का नाश होता है .
🔵 चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखना चाहिए और रात्रि में चन्द्र देवता को केसर की खीर का भोग लगाना चाहिए . इसे कुंडली में चन्द्र दोष दूर होता है और आपके ग्रह भी शांत होते है .
🔵 चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी के मंदिर में हनुमान जी की ध्वजा चढ़ानी चाहिए . आपको अपने घर में दक्षिण पश्चिमी दिशा में हनुमान जी की लाल ध्वजा चढानी चाहिए . इससे घर में सकरात्मक उर्जा बढती है .
घर की छत पर ध्वजा क्यों लगाते है , जाने मुख्य नियम
🔵 इस दिन हनुमान जन्मोत्सव होता है अत: मंदिर में जाकर हनुमान जी को प्रसाद और माला अर्पित करनी चाहिए , हो सके तो इस दिन घर या मंदिर में सुन्दरकाण्ड का पाठ जरुर पढना चाहिए .
🔵 हनुमान जी के सिंदूर का चोला चढ़ाना चाहिए .
🔵 पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण रूपी विष्णु की विशेष पूजा और व्रत रखने से सभी सुखो की प्राप्ति होती है .
🔵 इस दिन वानरों को गुड चने और केले का फल जरुर खिलाये , क्या पता किस रूप में हनुमान जी यह आपके हाथो से अर्पित कर ले .
तो दोस्तों ये तो कुछ गिने चुने चैत्र पूर्णिमा के प्रभावी उपाय जो इस दिन की सकारात्मकता को आप पर बढ़ा देंगे .
क्या हनुमान जयंती बोलना गलत है ?
सोशल मीडिया पर हर साल ऐसे मेसेज बहुत जमकर होते है कि हनुमान जी के जन्म दिन को हनुमान जयंती ना बोले . इसे हनुमान जन्मोत्सव ही बोले . पर इस विवाद के पीछे क्या सच्चाई है , चले जानते है .
लोगो का कहना है कि जयंती उनकी होती है जो अब दुनिया में नही रहे . और इस तर्क के साथ वे कहते है कि हनुमान जी तो अजर अमर है अत: उनके जन्मोत्सव को जयंती नही कहनी चाहिए .
पर मेरे भाइयो पहले जयंती का अर्थ समझ ले फिर आप चाहे जो कुछ कहना .
जयंती का अर्थ :- जन्मतिथि मनाये जाने वाला दिन , साथ ही यह उस व्यक्ति के महान कार्यो को याद करने का दिन भी है . इसका अर्थ पूण्यतिथि से बिलकुल अलग है . ना ही इसका कोई अर्थ मरण से जुड़ा हुआ है .
अत: आप हनुमान जयंती कह सकते है इसमे कुछ नही गलत नही है पर यदि शास्त्र सम्मत बात करे तो तो इसे आप बजरंग पूर्णिमा या फिर हनुमान जन्मोत्सव कहे तो ज्यादा अच्छा होगा .
वैसे भी भगवान तो भावो के भूखे होते है .
सारांश
- तो दोस्तों इस आर्टिकल में हमने जाना कि चैत्र पूर्णिमा का क्या महत्व है और इस दिन किये जाने वाले उपाय कौनसे है . चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती और सत्यनारायण व्रत दोनों आते है .
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