भगवान श्री गणेश के 10 प्रसिद्ध मंदिर भारत में
Top 10 Lord Ganesha Temple In India . शायद गणेश जी पहले ऐसे बेटे है जो अपने पिता और माता द्वारा भी पूजनीय है | इन्हे पुराणों में परब्रहम बताया गया है | हर शुभ कार्य में सबसे पहले इन्हे पूजा जाता है | उत्तर से दक्षिण तक इनकी कीर्ति सुंगध की तरह बिखरी पड़ी है | यह विध्नो को दूर कर बुद्धि प्रदान करते है | इन्हे अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता भी कहा गया है |
आइए जाने भारत में कौन से हैं गणेश जी के 10 सबसे प्रसिद्ध और बड़े मंदिर। यहां उमड़ती बप्पा के भक्तों की जबरदस्त भीड़। Top Famous Temples of Lord Ganesha
सिद्घिविनायक मंदिर, मुंबई
सिद्घिविनायक गणेश जी का मंदिर मुंबई में है । गणेश जी की जिन प्रतिमाओं की उनकी सूड़ दाईं ओर मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं। मुंबई का ये सिद्घिविनायक मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्िक विदेशों में भी काफी विख्यात है। यहा हर साल करोडो का दान चढ़ता है | वैसे भी मुंबई के आराध्य देवता गणेश जी को ही माना जाता है | इसी कारण भी यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है |
रणथंभौर गणेश जी, राजस्थान
राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 किमी. रणथंभौर गणेश जी का मंदिर किले के महल पर बहुत पुराना मंदिर है। ये मंदिर करीब 1000 साल पुराना है। यहां तीन नेत्र वाले गणेश जी आपको मिलेंगे। ये गणेश जी नारंगी रंग के हैं और विदेशियों के बीच काफी प्रचलित हैं। दाए बाए रिद्धि सिद्धि विराजित है | दूर-दूर से लोग यहां बप्पा के इस अद्भुत रूप का दर्शन करने के लिए आते हैं। उनके वाहन मूषक (चूहे) को भी यहां रखा गया है।
मंडई गणपति, पुणे
मंडई के गणेश मंडल को भक्त अखिल मंडई गणपति के नाम से भी जानते हैं। पुणे में इस गणेश मंडल का खासा महत्व है। गणेश चतुर्थी के दौरान यहां भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है। वहीं दूर-दूर से लोग इनके दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।
इस मंदिर में विराजित प्रतिमा में गणेश जी आराम आसन में बैठे है और उनके चरण उनकी सेविका दबा रही है .
उच्ची पिल्लैयार मंदिर, रॉकफोर्ट
दक्षिण भारत का प्रसिद्ध पहाड़ी किला मंदिर तमिलनाडु राज्य के त्रिची शहर के मध्य पहाड़ के शिखर पर स्थित है। चैल राजाओं की ओर से चट्टानों को काटकर इस मंदिर का निर्माण किया गया था। यहां भगवान श्री गणेश का मंदिर है। पहाड़ के शिखर पर विराजमान होने के कारण गणेश जी को उच्ची पिल्लैयार कहते हैं। यहां दूर-दूर से दर्शनार्थी दर्शन करने के लिए आते हैं।
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई मंदिर, पुणे
श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में भक्तों की भगवान के प्रति आस्था साफ नजर आती है। कोई इन्हें फूलों से सजाता है, तो कोई इन्हे सोने से लाद देता है, तो कोई इन्हे मिठाई से सजाता है, तो कोई नोटों से पूरे मंदिर को ढक देता है। वहीं इस बार अक्षय तृतीया के मौके पर पुणे के रहने वाले एक आम विक्रेता ने गणपति के इस मंदिर और गणपति को पूरा का पूरा आम से ही शृंगार कर डाला था। भक्त की भगवान के प्रति इस तरह की कई अनोखी आस्थाओं का उदाहरण देखने को मिलता है भगवान गणेश के इस मंदिर में।
कनिपक्कम विनायक मंदिर, चित्तूर
आस्था और चमत्कार की ढेरों कहानियां खुद में समेटे कनिपक्कम विनायक का ये मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में मौजूद है। कहते हैं यहां हर दिन गणेश की चमत्कारी मूर्ति का आकार बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही ऐसा भी मानते हैं कि अगर कुछ लोगों के बीच में कोई लड़ाई हो, तो यहां प्रार्थना करने से वो लड़ाई खत्म हो जाती है।
मनाकुला विनायगर मंदिर, पांडिचेरी
भगवाग श्री गणेश का ये मंदिर पांडिचेरी में स्िथत है। पर्यटकों के बीच ये मंदिर आकर्षण का विशेष केंद्र है। प्राचीन काल का होने के कारण इस मंदिर की बड़ी मान्यता है। कहते हैं कि क्षेत्र पर फ्रांस के कब्जे से पहले का है ये मंदिर। दूर दराज से भक्त यहां भगवान श्रीगणेश के दर्शन करने आते हैं। यहा गणेश जी का मुख सागर की तरफ है इसी कारण इन्हे भुवनेश्वर गणपति कहा गया है | कहा जाता है कि फ्रेंच लोगों ने कई बार गणपति प्रतिमा को समंदर में डूबो दिया पर हर बार प्रतिमा अपने स्थान पर वापस आ जाती थी।'
मधुर महा गणपति मंदिर, केरल
इस मंदिर से जुड़ी सबसे रोचक बात ये है कि शुरुआत में ये भगवान शिव का मंदिर हुआ करता था, लेकिन लोक कथा के अनुसार पुजारी के बेटे ने यहां भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया। पुजारी का ये बेटा छोटा सा बच्चा था। खेलते-खेलते मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनाई हुई उसकी प्रतिमा धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ाने लगी। यह भक्तो के लिए किसी चमत्कार से कम नही था | धीरे धीरे पूर्ण गणेश की मूर्ति बन गयी | तब से यह गणेश भक्तो के लिए आस्था का केंद्र बन गया है | मान्यता है की स्वयं प्रथम पूज्य देवता गणेश यहा विराजे है |
गणेश टोक, गंगटोक, सिक्िकम
गणेश टोक मंदिर गंगटोक-नाथुला रोड से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्िथत है। यह यहां करीब 6,500 फीट की ऊंची पहाड़ी पर स्िथत है। इस मंदिर के वैज्ञानिक नजरिए पर गौर करें तो इस मंदिर के बाहर खड़े होकर आप पूरे शहर का नजारा एकसाथ ले सकते हैं। हलाकि मंदिर इतना बड़ा नही है पर मंदिर की प्रसिद्धि बहुत ज्यादा है |
मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर
मोती डूंगरी गणेश मंदिर राजस्थान में जयपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। यह बिरला मंदिर के पास ही छोटी सी डूंगरी पर स्थित है | लोगों की इसमें विशेष आस्था तथा विश्वास है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर और हर बुधवार यहाँ लाखो भक्तो की भीड़ रहती है । इतिहासकार बताते हैं कि यहां स्थापित गणेश प्रतिमा जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम की पटरानी के पीहर मावली से 1761 में लाई गई थी। मावली में यह प्रतिमा गुजरात से लाई गई थी। उस समय यह पांच सौ वर्ष पुरानी थी। जयपुर के नगर सेठ पल्लीवाल यह मूर्ति लेकर आए थे और उन्हीं की देखरेख में मोती डूंगरी की तलहटी में गणेशजी का मंदिर बनवाया गया था।
सारांश
- तो दोस्तों भगवान श्री गणेश के 10 प्रसिद्ध मंदिरों की जानकारी यहा हमने आपको बताई है . ये भारत के जाने माने प्रसिद्ध गणपति मंदिर है जहाँ हर साल लाखो भक्तो की भीड़ दर्शन करने आती है .
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