कैसे बना शिवलिंग – जाने उत्पत्ति की कथा
What is Shivling and Know his Story
भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में ही क्यों की जाती है | कैसे बना शिवलिंग | किस तरह इसकी उत्पत्ति हुई | ऐसे बहुत सारे प्रश्न शिवभक्तो के दिमाग में उठते है | शिवलिंग से जुड़े रहस्यों के बारे में अनेको धार्मिक ग्रंथो में अलग अलग बाते बताई गयी है |
अज्ञानी और मुर्ख लोगो ने हमारे धर्म का मजाक बनाने के लिए शिवलिंग को शिव के जननांग से जोड़ दिया है | ऐसे ही लोग हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता बताते है जबकि वो 33 कोटि (प्रकार ) के है |
आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताएँगे की शिवलिंग का अर्थ और महिमा क्या है |
शिवलिंग का अर्थ -
शिव का अर्थ है ‘ कल्याण करने वाले ‘ और लिंग का अर्थ है ‘ बनाने वाले ‘ | अत: शिवलिंग पूजा में हम हमारे सम्पूर्ण जगत के निर्माता सर्व शक्तिमान शिव की पूजा करते है | शिवलिंग भगवान शिव के निराकार रूप की महिमा को बताता है | शिव ही आदि ,अनादी है और अंत भी | सम्पूर्ण जगत का आधार शिव ही है | सम्पूर्ण ब्रह्मांड लिंग रूप में है और जलधारी पृथ्वी है | शब्दों के कई अर्थ होते है | कोटि का मतलब प्रकार भी तो करोड़ भी | इसी तरह लिंग का अर्थ भी बहुत सारे है | इसे आप शिवलिंग के सम्बन्ध में जननांग से ना ले |
लिंग का अर्थ : प्रतीक , चिन्ह , निशानी, गुण, सूक्ष्म आदि से है |
शिवलिंग समस्त उर्जा का परिचायक है | सम्पूर्ण ब्रहमांड की आकृति शिवलिंग सामान है | समस्त संसार की उर्जा शिवलिंग में निहित है |
शिवलिंग की महिमा - Importance of Shivling .
शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में सदियों से चली आ रही है | रामायण और महाभारत काल में भी शिवलिंग पूजा के बारे में बताया गया है | शिवलिंग में त्रिदेवो की शक्ति निहित है | मूल में ब्रह्मा जी , मध्य में विष्णु और ऊपर भगवान शंकर | जलधारी के रूप में शक्ति | अत: शिवलिंग की पूजा से आप सभी देवी देवताओ की कृपा के पात्र बनते है | समस्त देवी देवताओ की पूजा के समान है शिव के निराकार शिवलिंग की पूजा | शिवलिंग की पूजा करने वाले भक्त को धर्म अर्थ काम मोक्ष सभी की प्राप्ति सजग हो जाती है |
जब यह सम्पूर्ण जगत नष्ट होगा तो यह शिवलिंग में समा जायेगा और फिर इसी शिवलिंग से नए संसार का जन्म होगा |
शिवलिंग की उत्पति की पौराणिक कथा
शिवलिंग का निर्माण कैसे हुआ ? शिवलिंग की उत्पति की क्या कहानी है ? इसके जवाब में लिंगमहापुराण में एक पौराणिक कहानी आई है .
कहानी इस तरह है :-
एक बार जगत के रचियता ब्रह्मा और जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु में यह विवाद हो जाता है कि उन दोनों में सबसे बड़ा कौन है ? तब विवाद के बीच महादेव आते है और एक लिंग को प्रकट कर दोनों से कहते है कि इसके अंतिम छौर खोज कर जो दिखायेगा वो ही सबसे बड़ा होगा .
ब्रह्मा और श्री हरि विष्णु उस शिवलिंग का छौर खोजते खोजते हजारो वर्ष तक अनन्त तक चले जाते है पर उसकी शुरुआत और अंत खोजने में विफल ही रहते है . शिवलिंग से लगातार ॐ की आवाज सुनाई देती है .
तब उन्हें आभास होता है कि सबसे बड़े महादेव और उनके प्रतीक शिवलिंग है .
यही है शिवलिंग के उत्पति की कहानी . सबसे पहले ब्रह्मा और विष्णु ही शिवलिंग की पूजा करते है और फिर शिव भक्तो के द्वारा शिवलिंग की पूजा करने की परम्परा शुरू हो जाती है .
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