क्यों शिवलिंग पर चढाते है झाड़ू
Jhadu Chadhane Se Charm Rog Dur Karne Wala Shivling . एक ऐसा शिवलिंग जहा भक्त चढाते है झाड़ू और यह झाड़ू कर देती है उनके त्वचा के रोगों को खत्म | सुनने में अजीब लगे की भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाना . पर भारत में एक ऐसा अजीबोगरीब शिवालय मंदिर है जहाँ कई लोगो ने यह अजमा कर देखा है और अपने रोगों से मुक्ति पाई है .
आइये जानते है कि वो कौनसा शिवलिंग है जिस पर भक्त झाड़ू चढाने से अपने चर्म रोगों से मुक्ति पा लेते है .
कहाँ है यह शिवलिंग :
मुरादाबाद और आगरा राजमार्ग पर गाँव संभल में भोलेनाथ का एक प्राचीन मंदिर जो पातालेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्द है | यहा पर स्थित है एक दिव्य शिवलिंग जिसपे झाड़ू चढाने से त्वचा रोग ठीक हो जाते है | यह मंदिर अति प्राचीन है और यह परम्परा भी सदियों से चल रही है |
वास्तुशास्त्र के अनुसार झाड़ू से जुड़े टिप्स
इस शिवलिंग के साथ विराजे है करोड़ो शिवलिंग
झाड़ू चढाने के पीछे की लोक कथा :
इस गावं में एकभिखारीदास नाम का अमीर व्यापारी रहता था | एक बार वो त्वचा रोग से ग्रसित हो गया | नीम हकीम वैद भी उसे इस रोग से मुक्त नही करा पा रहे थे |
एक दिन वो किसी रास्ते से गुजर रहे थे और उन्हें प्यास लगी | पास ही किसी शिव के भक्त संत का आश्रम था | भिखारीदास जी आश्रम में पहुंचे और संत से पानी पिलाने को बोले | संत उस समय आश्रम की झाड़ू से सफाई कर रहे थे | सफाई करते करते उनकी झाड़ू व्यापारी को छु गयी | व्यापारी के शरीर में एक तरंग सी गयी और देखते ही देखते उनके त्वचा रोग ठीक हो गये | व्यापारी इस चमत्कार को देखकर संत के चरणों में पड़ गये और उन्हें धन दौलत से तोलने की बात करने लगे |
संत ने उन्हें समझाया की यह सब भोले बाबा की कृपा है और वे तो बस उनके दास है | यदि तुम कुछ करना चाहते हो तो बस इस आश्रम में शिव मंदिर बना दो | आदेश के अनुसार व्यापारी ने वहा शिव मंदिर का निर्माण किया |
व्यापारी के ठीक होने की खबर गावं में फ़ैल गयी और तब गावं वालो ने शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाना शुरू कर दिया |
आज यहाँ इस तरह के हज़ारों लोग आते हैं जो त्वचा रोग से पीड़ित हैं और आसपास के लोग यह भी बताते हैं कि अधिकतर लोगों को यहाँ आने और झाड़ू चढ़ाने के बाद, इस रोग से मुक्ति भी मिलती है। लेकिन भगवान शिव की महिमा तो वैसे भी अपरम्पार है तो यहाँ लोग त्वचा रोग के अलावा, अपने और सभी दुःख भी लेकर आते हैं।
इस चमत्कारिक शिवलिंग में लाखों लोग सालभर में आते हैं और अपने दुखों से मुक्ति प्राप्त करते हैं।
मंदिर निर्माण की कहानी है रोचक
इस मंदिर का निर्माण कब और किसने किया और यहा स्थापित शिवलिंग कैसे आया . यह कहानी बहुत ही चमत्कारी और होश उड़ा देने वाली है .
स्थानीय लोग बताते है की यहा एक जमींदार थे जिनका नाम भिखारी दास साहू था . उन्हें शिवजी ने सपने में बताया कि वे आस पास ही है और उनका मंदिर का निर्माण उसी जमींदार को करना है .
अगले ही दिन से जमींदार ने अपने कुछ लोगो के साथ उस जमीन को खोजना शुरू कर दिया . यह जमीन उन्हें सादातवाड़ी में मिली .
भिखारी दास साहू को जब उस जमीन में एक काला पत्थर दिखाई दिया तो उसे और ज्यादा खोदने लगे . पर यह चमत्कार था कि वो जितना खोदते उतना ही वो पत्थर जमीन में धसता जाता .
काफी खुदाई के बाद वो शिवलिंग प्रकट हुआ और फिर मंदिर का निर्माण किया गया . इस मंदिर को 7 दिसम्बर 1907 में बनाया गया था .
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सारांश
- तो दोस्तों इस पोस्ट में आपने जाना उस अजीबोगरीब शिवलिंग से जुड़ी परम्परा के बारे में जहाँ भक्त शिवलिंग पर झाड़ू चढाते है . आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी .
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