पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व और निर्माण विधि
Parthiv Shivling Pooja Ka Mahatav | Importance of Parthiv Shivling’s Worship
पार्थिव शिवलिंग (Parthiv Shivling in Hindi ) मिट्टी , जल , भस्म , चन्दन , शहद आदि को मिश्र करके अपने हाथो से निर्मित किया जाता है , जिसके पूजन से जन्म जन्म के पाप नष्ट होते है | अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है और अपार शिव कृपा की प्राप्ति होती है | सावन में शिव भक्ति विशेष महत्व रखती है अत: इस महीने में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पूजा अर्चना करना बहुत मंगलकारी माना गया है |
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पार्थिव शिवलिंग हाथो से बनाया जाता है जिसमे मिट्टी , भस्म , शहद , दूध और चन्दन काम लिए जाता है .
कलयुग में कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव पूजन का प्रारंभ किया था।
शिव महा पुराण में – “विद्येश्वरसंहिता” -16वां अध्याय के अनुसार
अप मृत्युहरं कालमृत्योश्चापि विनाशनम।
सध:कलत्र-पुत्रादि-धन-धान्य प्रदं द्विजा:।।
पार्थिव पूजा से तत्क्षण कलत्र पुत्रादि धन धान्य को प्रदान करती है । और इस लोक में सभी मनोरथ को भी पूर्ण करती है तथा अकाल मृत्यु को टालती है । इस पूजा को स्त्री पुरुष सभी कर सकते है।
पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व
शिवपुराण के अनुसार पार्थिव पूजन से धन-धान्य, आरोग्य के साथ ही पुत्र की प्राप्ति होती है। जो दम्पति पुत्र प्राप्ति के लिए कई वर्षों से तड़प रहे हैं, उन्हें पार्थिव लिंग का पूजन अवश्य करना चाहिए। पार्थिव लिंग के पूजन से अकाल मृत्यु का भय भी ख़त्म हो जाता है। शिवजी की आराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं।
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कैसे बनाये पार्थिव शिवलिंग
आइये जानते है की कैसे पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाता है | इसके लिए छानी हुई शुद्ध मिट्टी, गाय का गोबर, गुड़, मक्खन , शहद ,चन्दन और भस्म मिलाकर शिवलिंग का निर्माण करें। शिवलिंग की ऊँचाई 12 अंगुल से ज़्यादा नही होनी चाहिए ।
भगवान शिव से विनती करे की वे इस शिवलिंग में अपना वास बनाये जिससे की आपकी विनती उन तक पहुँच सके |
अब इसकी पूजा करे और इसे प्रसाद अर्पित करे | जो प्रसाद शिवलिंग पर स्पर्श कर गया है उसे आप ग्रहण ना करे | बिना स्पर्श प्रसाद को आप ग्रहण कर सकते है | पूरे परिवार के साथ पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पार्थिव लिंग के सामने सभी शिव मंत्रों का जाप किया जा सकता है। जो लोग किसी रोग से पीड़ित हों, उन लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
सारांश
- पार्थिव शिवलिंग क्या होता है , कैसे हम पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर सकते है . पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व क्या है . आशा करता हूँ की आपको यह पोस्ट जरुर अच्छी लगी होगी .
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