तो इस वजह से शिवजी के भक्त नंदी के कानों में कहते हैं अपनी मनोकामना
Whispering in the Ears of Shiva’s Nandi – What Significance behind this .
सभी देवी देवताओ में सबसे अलग भोलेनाथ है जो अपनी घोर तपस्या में लीन रहते है | वे सादा जीवन भस्म से श्रंगार करने वाले महादेव है | सबसे जल्दी प्रसन्न होकर औगढ़ दानी अपने भक्तो को कुछ भी दे देते है | इनके महान गणों में से एक है नंदेश्वर जो शिवजी के साथ हमेशा रहते है | भक्त इसी नंदी बाबा के माध्यम से अपनी मनोकामना शिव शम्भू से व्यक्त करते है |
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कौन है नंदी ? कैसे बने शिव के वाहन
भगवान शिव के मुख्य गणों में से एक है नन्देश्वर (नंदी बाबा ) | हर शिवालय में शिव परिवार के साथ ये भी विराजमान होते है | कहते है शिलाद ऋषि ने अपनी घोर तपस्या से भोलेनाथ से यह वरदान पाया था कि वे हमेशा शिव के करीब रहे | तब शिवजी ने उन्हें नंदी बनाकर अपना वाहन नियुक्त कर दिया |
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क्यों नंदी के कानो में बोली जाती है विनती
शंकर भगवान तपस्वी हैं और वो तपस्या में हर समय लीन रहते है , इसी कारण भक्त अपनी मन की मुराद उनके गण नंदी के कानो में कहते है जिससे की तपस्या के बाद नंदी उन्हें बता सके | हर शिवालय में नंदी शिवलिंग के साथ विराजित होते है और भक्त अपने दिल का हाल नंदी के माध्यम से शिवजी तक पहुंचाते है | नंदी की आँखे हमेशा शिवजी के दर्शन करती है और यहा से सीधे आपकी विनती शिवजी तक भेजी जाती है .
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सारांश
- भगवान शिव का वाहन नही क्यों है ? क्यों शिव भक्त अपनी विनती नंदी के कानो में कहते है ? नंदी और शिव जी का क्या रिश्ता है . ऐसे बहुत से सवालों के जवाब आपको अपने Shiv or Unki Sawari nandi में दे दी है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी .
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