महाशिवरात्रि 2024 कब है और क्यों और कैसे मनाये इसे
Kyo Manai Jati Hai MahaShivratri – Know Story and Importance about this fast .
शिव पूजन का सबसे पावन दिन और रात महाशिवरात्रि को बताया गया है | यह भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन है | फाल्गुन कृष्ण पक्ष में आने वाली प्रदोष के अगले दिन शिवरात्रि मनाई जाती है | इस दिन के महत्व को लेकर 3 मत बहुत प्रचलित है | भारत के लगभग सभी शिवालयो में भक्ति की अपार भीड़ होती है जो शिवलिंग पर दूध , जल और बेलपत्र से अभिषेक करने आते है . शिवरात्रि पर शिव भक्त व्रत भी धारण करते है .
आज इस आर्टिकल में जानेंगे की महा शिवरात्रि को शिव पूजन का सबसे बड़ा दिन क्यों कहा जाता है . महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा कहानी क्या है और क्या है इस दिन का विशेष महत्व .
महा शिवरात्रि से जुड़ी मुख्य पौराणिक कहानियाँ
1 शिव पार्वती विवाह का दिवस
शैव भक्तो में बहुत से भक्त यह मानते है कि शिव और पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था | पार्वती की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने यह विवाह सम्पन्न पूर्ण किया |
2 शिव निराकार से साकार रूप में
ईशान संहिता के अनुसार इस दिन भगवान शिव प्रकट हुए थे | पर कई जानकारों का मानना है कि शिव आदि और अंत से बहुत परे है और स्वयम्भू हूँ |
3 देवी देवताओ ने किया पूरी रात जागरण
एक अन्य शास्त्रों में बताई कथा के अनुसार समुन्द्र मंथन से निकले हलाहल विष को शिवजी ने अपने कंठो में धारण करके समस्त ब्रहमांड की रक्षा की थी | पर इस हलाहल विष के प्रभाव से वे तड़प उठे | तब महान ऋषियों ने देवताओ को पूरी रात शिवजी को जल दूध और बिल्वपत्र का पान कराने का सुझाव दिया | ऋषियों के कहे अनुसार शिवजी के जयकारो के साथ उनके विष के प्रभाव को कम करने के लिए ये प्रयास सारी रात किये गये | भोर होने तक शिवजी उन सभी से अत्यंत प्रसन्न हुए | तभी से शिवरात्रि का पर्व धूम धाम से मनाया जाने लगा |
महाशिवरात्री 2024 Dates - कब है शिवरात्रि 2024
Mahashivratri 2024 Kab Hai . इस साल 2024 में महा शिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार को आ रही है . . बता दे कि हिन्दू शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को यह त्योहार मनाया जाता है .इस दिन शिव और पार्वती की विशेष पूजा और व्रत रखा जाता है . इस दिन किया गया व्रत और शिव पूजन जीवन में बहुत से संकटों को दूर करने वाले साबित होता है .
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2024
इस साल 2024 में आने वाली शिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 मार्च को रात 9:57 बजे से शुरू होगी जो फिर अगले दिन 9 मार्च को शाम 6:17 तक रहेगी . शिवरात्रि में उदया तिथि मायने नही रखती क्योकि शिव जी की पूजा प्रदोष काल में होती है अत: 8 मार्च को ही शिवरात्रि का व्रत रखा जायेगा .
महाशिवरात्री व्रत का महत्व और कहानी
फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि ।
शिवलिङ्गतयोद्भूतः कोटिसूर्यसमप्रभ।।
अर्थात :- फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में आने वाली महारात्रि को शिवजी शिवलिंग रूप में करोड़ो सूर्य के तेज के समान प्रकट हुए थे | अत: इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से अनेको संताप , दुःख दर्द का हरण होता है | इस दिन का व्रत और पूजा हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परमसुख, शान्ति एवं ऐश्वर्य प्रदान करते हैं।
स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन शिवलिंग के दर्शन कर अभिषेक और बिल्व पत्रों और शमी पत्रों को अर्पित करने से मनुष्य करोड़ो पुण्यो के बराबर फल प्राप्त करता है | शिवरात्रि की रात जो शिवजी के मंत्रो का जप और शिव महापुराण का पाठ करता है , वो शिवलोक को प्राप्त करता है |
महाशिवरात्री व्रत के दिन क्या करे ?
- महा शिवरात्रि के दिन ब्रहम मुहूर्त में उठना चाहिए , उसके बाद नित्य कर्म करके स्नान करना चाहिए .
- नहाने के बाद इस दिन साफ़ कपडे पहने और सिर पर त्रिपुंड का तिलक लगाये .
- शुद्ध जल में गंगा जल और दूध मिश्र करके शिवलिंग का अभिषेक करे .
- इस दिन महा शिवरात्रि का व्रत रखे और एक ही समय फलाहार और सागार करे .
- शिव महा पुराण की कथाये पढ़े और शिव जी के भजन सुने और गुनगुनाये .
- शिव जी अष्टक और चालीसा का पाठ करे .
- इस दिन क्रोध ना करे और शिव भक्ति में लगे रहे .
- संध्या को पीपल के पेड़ के निचे एक दीपक जलाये .
- इस दिन जरुरत मंदों को गर्म कपडे , खाद्य चीजो का दान करे .
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