पूजा में हवन और यज्ञ का महत्व और लाभ

Pooja Me Hawan Aur Yagya Ka Mahatav . यदि मैं यह बोलु की हमारे हिन्दू सनातन धर्म में पूजा का सबसे अच्छा मार्ग हवन और यज्ञ है तो इसमे किसी को कोई शंका नही होगी | इस विधि से भगवान को सदियों पहले से ही हमारे ऋषि मुनि रिझाते हुए आये है | यज्ञ को अग्निहोत्र कहते हैं। अग्नि देवता  ही यज्ञ का प्रधान देवता हे।

puja me hawan ka kya mahtav hai

 हवन में डाली गयी सामग्री प्रसाद सीधे हमारे आराध्य देवी देवताओ तक पवित्र अग्नि के माध्यम से जाता है | हवन का एक सबसे अच्छा लाभ यह है की इसके धुएं से वातावरण शुद्ध होता है | कुण्ड में अग्नि के माध्यम से भगवान के निकट हवि पहुँचाने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है (जो अग्नि में डाले जाते हैं) .

पूजा पाठ में अगरबत्ती क्यों काम में नही लेनी चाहिए 

समिधा

समिधा का अर्थ है वह लकड़ी जिसे जलाकर यज्ञ किया जाए अथवा जिसे यज्ञ में डाला जाता है | यह मुख्य रूप से शमी के पेड़ की होती है | इसके अलावा पीपल, बिल्व, आम ,हेमन्त , खैर बड़ आदि की लकड़ी काम में ली जाती है | यह इनकी उपलब्ता के आधार पर काम में प्रयोग में आती है |

कौन है पवन (वायु ) देव , जाने महिमा 

हवन से होने वाले लाभ


हवन के माध्यम से देवी देवताओ को भेंट 

पूजा विधियों में पंचोपचार और षोडशोपचार पूजन विधि को मुख्य माना जाता है | पर यदि आप देवता को प्रसन्न करने के लिए हवन करेंगे तो यह सबसे उत्तम पूजा विधि मानी जाएगी | हवन की पवित्र अग्नि के माध्यम से हम अपनी प्रभु के लिए सेवा उन तक पहुंचाते है |

हवन से वातावरण का शुद्धिकरण 

स्वास्थ्य के नजरिये से यज्ञ की पवित्र अग्नि के धुएं से वातावरण के कीटाणु और हानिकारक जीव नष्ट होते है जिससे शुद्धिकरण होता है | हवन में गाय के गोबर से बने कंडे ,   हव्य जैसे फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि मिलकर वायुमण्डल को स्वास्थ्यकर बनाते है | अत: यह वैज्ञानिक द्रष्टि से भी अत्यंत महत्व रखता है | हवन करने वाले और आस पास के व्यक्ति के शरीर को शुद्ध करती है | उस जगह सकारात्मक उर्जा अत्यंत बढ़ जाती है और नकारात्मक दूर होती है . 

हवन का महत्व अत्यंत है


वैदिक काल में हवन बहुत हुआ करते है थे और यही कारण था की उस समय प्रदुषण ना के बराबर था . 

➜ देवी देवताओ की पूजा के नियम

➜ घर या मंदिर में शंख रखने के फायदे

➜ किस देवता को कौनसा पुष्प चढ़ाये

➜ ललाट पर तिलक लगाने के फायदे


यज्ञ वेदियो  के रूप

यज्ञ संपन्न करने के लिए जो वेदी तैयार की जाती है , उसके रूप के आधार पर कई नाम होते है . ये नाम इनकी संरचना पर निर्भर करते है . 

कोई वेदी पद्मकुण्ड तो कोई वर्गाकार , कोई अर्धचन्द्रकुण्ड , तो कोई योनी कुण्ड , त्रिकोण कुण्ड , षटकोष , अष्टकोण कुण्ड होती है . आप निचे चित्रों में विभिन्न वेदियों को देख सकते है . 

यज्ञ वेदी 


सारांश 

  1. हिन्दू धर्म में हवन या यज्ञ करना बहुत ही शुभ माना जाता है जो पूजा की सम्पूर्णता का घोतक है . हवन के माध्यम से हम उक्त पूजा में प्रयोग चीजे ईश्वर को भेंट करते है . यहा हमने हवन और यज्ञ की महिमा और महत्व को बताया है . आशा करते है कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी .  




Post a Comment

Previous Post Next Post