कैलाश मंदिर एलोरा से जुड़ी रोचक बाते
Kailash Temple Elora facts in Hindi : महाराष्ट्र के एलोरा में स्थित कैलाश मंदिर सम्पूर्ण संसार में अपने अनूठे ढंग से किये गये निर्माण के लिए जाना जाता है । यह उन भव्य निर्माण में से एक है जो हमारे गौरवशाली और अति-विकसित इतिहास के प्रमाण को सिद्ध करते है | यहा की वास्तुकला और मूर्तिकला को देखकर लोगो के होश उड़ जाते है . यह किसी चमत्कार से कम नही है और इसे दुनिया का एक अजूबा बोला जाये तो कोई बड़ी बात नही होगी .
एलोरा की 34 गुफाओं में सबसे अदभुत और मुख्य स्थान रखता है यहा का शिव कैलाश मंदिर (Ellora Kailash Mandir in hindi )। यह दिखने में जितना सुन्दर है उठना ही अपने निर्माण की कथा में वाह वाही अर्जित करता है | कहते है इसके निर्माण में पहाड़ो को काट काट कर करीब 150 साल में बनाया गया था और लगभग 7000 मजदूरों ने इसके ऊपर यह काम किया था । आज हम इससे जुडी कुछ खास बातो पर ध्यान करेंगे |
कहां है एलोरा कैलाश मंदिर
Kahan Hai एलोरा का कैलाश मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में प्रसिद्ध एलोरा की गुफाओं में स्थित है। यह एलोरा के 16वीं गुफा की शोभा बढ़ा रही है। इसका निर्माण महाराजा कृष्णा प्रथम के शासनकाल में पूर्ण हुआ । अति विशाल शिवलिंग के कारण इस मंदिर का नाम कैलाश मंदिर रखा गया है | वैसे तो एलोरा में कुल मिलाकर 100 गुफाये है पर सिर्फ 34 को ही लोगो के लिए खोला गया है बाकि गुफाओ में जाना वर्जित है .
भगवान शिव को समर्पित है दो मंजिला मंदिर पर्वत मंदिर
कैलाश मंदिर को हिमालय के कैलाश का रूप देने का भरपूर प्रयास किया गया है। शिव का यह दो मंजिला मंदिर पर्वत चट्टानों को काटकर बनाया है। यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पत्थर की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर का रूप और निर्माण
90 फीट है इस अनूठे मंदिर की ऊंचाई, 276 फीट लम्बा, 154 फीट चौड़ा है यह गुफा मंदिर। 150 साल लगे इस मंदिर के निर्माण में और दस पीढ़ियां लगीं। 7000 कामगारों ने लगातार काम करके तैयार किया है ये मंदिर।
आजतक इस मंदिर में कभी पूजा किए जाने का प्रमाण नहीं मिलता। आज भी इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। कोई नियमित पूजा पाठ का कोई सिलसिला नहीं चलता।
पहाड़ को काटकर बनाया था मंदिर
इसके निर्माण में करीब 40 हज़ार टन वजनी पत्थरों को काटकर 90 फुट ऊंचा मंदिर बनाया गया। यह उस समय निर्माण हुआ जब विज्ञान की मशीनरी नही हुआ करती थी | बिना लाइट , क्रेन आदि से सिर्फ मानव शक्ति से यह निर्मित हुआ | विशाल पहाड़ को ऊपर से निचे काट कर सम्पूर्ण मंदिर परिसर का निर्माण किया गया है | शिवलिंग के सामने खुले मंडप में नंदी (शिव वाहन नांदेश्वर ) विराजमान है और उसके दोनों ओर विशालकाय हाथी और स्तंभ बने हैं। कहते है कि इस बहुमंजिला मंदिर निर्माण ऊपर से निचे की तरह पहाड़ को काट कर किया गया है .
नक्काशी है भव्य
एलोरा की गुफा-16 यानि कैलाश मंदिर सबसे बड़ी गुफा है, जिसमें सबसे ज्यादा खुदाई कार्य किया गया है। यहां के कैलाश मंदिर में विशाल और भव्य नक्काशी है। कैलाश मंदिर ‘विरुपाक्ष मंदिर’ से प्रेरित होकर राष्ट्रकूट वंश के शासन के दौरान बनाया गया था।
कैलाश मंदिर एलोरा से जुड़े प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 : कहाँ है कैलाश मंदिर एलोरा ?
उत्तर 1 : महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में प्रसिद्ध एलोरा की गुफाओं में 16 वी गुफा में स्थित है।
प्रश्न 2 : कैलाश मंदिर एलोरा की मुख्य खास बात क्या है ?
उत्तर 2 : इस मंदिर का निर्माण एक पहाड़ को काट कर किया गया है वो भी आज से 500 साल पहले बिना किसी मशीनरी के .
प्रश्न 3 : कैलाश मंदिर में किस देवी देवता की प्रतिमा है ?
उत्तर 3 : इस मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा लगी हुई है .
प्रश्न 4 : कैलाश मंदिर एलोरा कैसे जा सकते है ?
उत्तर 4 : महाराष्ट्र में स्तिथ एलोरा इस मंदिर में जाने के लिए आपको सबसे पहले औरंगाबाद जिले में एलोरा की गुफा तक जाना होगा .
प्रश्न 5 : कैलाश मंदिर एलोरा की सबसे खास बात क्या है ?
उत्तर 5 : यह मंदिर एक ही बड़े पहाड़ को काट कर 500 साल पहले के कारीगरों द्वारा बनाया गया है जब कोई मशीने नही हुआ करती थी . यहा सिर्फ हाथो से काम आने वाले औजारों को ही प्रयोग किया गया है . सोचे जितने वजनी पत्थर से यह मंदिर बना है , उससे कई गुना पत्थर इस पहाड़ से लोगो ने हटाये भी होंगे .
सारांश
- अपनी बनावट से हैरान कर देने वाला कैलाश मंदिर एलोरा से जुड़ी सभी जरुरी रोचक बाते हमने आपको इस आर्टिकल में बताने की कोशिश की है . इस मंदिर का इतिहास , महत्व और मंदिर की बनावट के बारे में आपने जाना . आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी .
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