होलिका दहन के बाद जलते हुए उपले घर क्यों लाते है लोग
होलिका दहन के बाद भक्त प्रह्लाद को बचा कर निकाल लिया जाता है और होलिका को जलने दिया जाता है | यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है | इसके बाद वहा रुके हुए लोग चलनी में जलते हुए उपले अपने घर लेकर आते है | मान्यता है कि इस जलते हुए उपले की अग्नि में नकारात्मकता का नाश करने की शक्ति होती है | आइये जानते है कि इस अग्निमय उपलो का क्या किया जाता है |
होलिका दहन से पूर्व जरुर डाले ये चीजे
होलिका दहन पर सिर्फ महिलाओ को ही नही बल्कि पुरषों को भी पूजा करनी चाहिए | यह शाम अपने अन्दर चमत्कारी शक्ति समेटे हुए होती है | होलिका दहन में उपले लकड़ी के साथ साथ 7 प्रकार के अनाज , नारियल , कपूर , धुप और गौ माँ का घी भी डालना चाहिए | जब होलिका दहन होता है तो यह वातावरण को शुद्ध करती है जैसे हवन की अग्नि फल देती है |
होलिका दहन पर लाभकारी टोटके तो करते है बुरे समय को दूर
पुराने लोगो के अनुसार इस अंगारे भरे उपले में पापड़ सेक कर खाने से शरीर की बीमारियाँ खत्म होती है और शरीर में सुरक्षा चक्र बढ़ता है जो बीमारियों को दूर करने में सहायक है | इसके साथ ही नए चने नया अनाज भी ईश्वर को होलिका में भेट कर भी सेक कर खाए जाते है |
घर की नकारात्मकता को करेगा दूर
इन उपलों में पापड़ सेक कर खा लेने के बाद फिर इस पर थोड़ी गूगल धुप डाले और अपने घर के हर कमरे में इसकी धुप दे | ध्यान रखे धुप देते समय सभी खिडकिया और दरवाजे खुले हो | ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियां घर से दूर हो जाती है | घर में सकारात्मक उर्जा बढती है जिससे सभी सदस्य लाभावंतित होते है |
कई जगह इस उपले को ठंडा करके घर के मंदिर में रखा जाता है | गौ माँ के गोबर से बनी यह बानी (राख ) होलिका दहन की शुभ बेला वाली अपने अन्दर कई चमत्कारी शक्ति रखती है |
आप भी इन नुसको को अजमा कर देखे , आशा है जरुर आध्यातिम्क लाभ की प्राप्ति होगी |
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