देवी देवताओ के बीज मंत्र क्या है और कैसे करे इनका सही उच्चारण

Beej Mantra Kya Hote hai ? , Kaise Beej Mantra Ka uccharan Karna Chahiye ?

किसी मंत्र के बीज जो मंत्र को वृक्ष की तरह बढ़ा दे | ये बीज मंत्र एक या दो शब्दों के शक्तिशाली और चमत्कारी होते है | हमें कुछ देवी देवताओ के बीज मंत्र पता है जो हम इस पोस्ट में बताएँगे | शास्त्रों से जाने की किस देवी देवता का कौनसा बीज मंत्र है | बीज मंत्रो से देवता की शक्ति जाग्रत होकर भक्तो को मिलती है | ॐ को मूल बीज बताया गया है |

वैज्ञानिको ने भी बताया है कि सूर्य में जो अग्नि जल रही है वो भी ॐ का उच्चारण कर रही है . 

devi devtao ke mantra


बीज मंत्र के फायदे

शक्तिशाली और चमत्कारी बीज  मंत्र से देवी देवताओ की कृपा भक्त पर पड़ती है | वह शारीरिक मानसिक और अन्य परेशानियों से उभर जाता है | यदि इन्हे सही विधि से जप करने से उक्त देवता को प्रसन्न किया जाता है | लक्ष्मी बीजमंत्र से धन की कभी कमी नही आती | भैरव बीजमंत्र सभी दिशाओ से रखा करने में सफल है |

देवी देवताओ के बीज मंत्र

अब जाने सनातन धर्म में किस देवता और देवी का कौनसा बीज मंत्र है | इन लघु मंत्रो द्वारा उक्त देवी देवता का आहान किया जाता है , बुलाया जाता है | फिर पंचोपचार पूजन करते है |


भैरव और शिव बीज मंत्र (ह्रीं )

यह महाशक्तिशाली बीज मन्त्र मायाबीज है जो है ह्रीं -> ह् = शिव, र् = प्रकृति, नाद = विश्वमाता एवं बिंदु = दुखहरण है।

मन्त्र अर्थ : हे प्रकृति रूप में शिव के साथ आद्याशक्ति , मेरी रक्षा करो दुःख हरो |

भगवान शिव का बीज मंत्र (हौं )

शिव का बीज मंत्र है हौं जो बना है ह् +औ +बिंदु से |

मंत्र का अर्थ : ह् भगवान शिव के का नाम है , औ का अर्थ सदाशिव और बिंदु आया है दुःख करने के लिए |

सम्पूर्ण बीज मंत्र अर्थ : हे भगवान शिव , मेरे दुखो को हरो |

पढ़े : भगवान शिव के मंत्र


देवी लक्ष्मी का बीज मंत्र (श्रीं)

विष्णु प्रिय लक्ष्मी का बीज मंत्र है श्रीं जो बना है श् +र् +ई + बिंदु से |

मंत्र का अर्थ : श् महालक्ष्मी के लिए , र् = धन सम्पति को , ई = महामाया, नाद = विश्वमाता एवं बिंदु = दुखहरण है।

सम्पूर्ण बीज मंत्र अर्थ : हे धन सम्पति की विश्वमाता महालक्ष्मी मेरे दुःख का हरण करे |


ज्ञान की देवी सरस्वती का बीजमंत्र (ऐं)

कला और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का बीजमंत्र है ऐं जो बना है ऐ + बिंदु से |

मंत्र का अर्थ : ऐ सरस्वती के लिए , नाद = विश्वमाता एवं बिंदु = दुखहरण है।

सम्पूर्ण बीज मंत्र अर्थ : हे ज्ञान कला की देवी सरस्वती मेरे दुःख का हरण करे |


कृष्ण और काम बीजमंत्र (क्लीं)

यह भगवान कृष्ण और योगेश्वरी का बीजमंत्र है | यह है क्लीं -> क श्रीकृष्ण के लिए , ल = दिव्य तेज वाले , ई = योगीश्वरी और बिंदु दुखहरण।

काम बीज का अर्थ : हे श्री कृष्ण या योगेश्वरी आप दिव्य तेज वाले है , मेरे दुःख का हरण करे |


महाकाली बीज मंत्र (क्रीं)

काली माता का बीज मंत्र है क्रीं | क् = काली, र् = प्रकृति, ई = महामाया, नाद = विश्वमाता एवं बिंदु = दुखहरण है।

कालीबीज का अर्थ : हे प्रकृति की महाशक्ति कालिके , मेरे दुःख को दूर करे |

माँ दुर्गा का बीज मंत्र (दूं)

महिषासुरमर्दिनी माँ दुर्गा का बीज मंत्र है दूं -> द् = दुर्गति ( बुराई) को दूर करने वाली +बिंदु (दुःख हरने वाली )

दुर्गाबीज मंत्र का अर्थ : हे माँ दुर्गा , मेरे शत्रुओ को दूर करके मेरी रक्षा करे |

भगवान गणेश का बीज मंत्र (गं)

प्रथम पूजनीय श्री गणेश का बीज मंत्र है : गं -> ग् = गणेश, अ् = विघ्ननाशक एवं बिंदु = दुखहरण है।

गणेशबीज मंत्र अर्थ : हे विध्नविनाशक श्री गणेश , मेरे कष्ट हरे |

हनुमान बीजमंत्र (हं)

श्री राम के परम भक्त हनुमान का बीजमंत्र है : हं -> ह् = अनुमान, अ् = संकटमोचन एवं बिंदु = दुखहरण है।

हनुमंबीज मंत्र अर्थ : हे संकटमोचन अनुमान , मेरे दुःख को दूर करे |

नरसिंह भगवान का बीजमंत्र (क्ष्रौं)

विष्णु के अवतार में से एक भगवान नरसिंह जी का बीजमंत्र है : क्ष्रौं -> क्ष् = नृसिंह, र् = ब्रह्म, औ = दिव्यतेजस्वी, एवं बिंदु = दुखहरण है।

मंत्र अर्थ : हे ब्रह्म स्वरुप नरसिंह जी , आप महातेजस्वी है | मेरे दुःख को हरे |


सारांश 

  1. तो सनातन प्रेमियों यहा हमने आपको बताया देवी देवताओ के बीज मंत्रो के बारे में  . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी. 

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