कैसे बने शनि देव नवग्रहों के राजा , क्या है इसके पीछे की पौराणिक कहानी
Story Of Shanidev – How He Become King of Navgrah शनि देव काले वर्ण के है और उनके पिता सूर्य तेज और श्वेत रंग के . यह रंग का फर्क ही दोनों पिता पुत्र के बीच आ गया . सूर्य ने नही कभी नही समझा कि उनका इतना ज्यादा तेज उनकी पत्नी छाया के गर्भ पर भी अपना प्रभाव दिखा सकता है और उनके बच्चे काले रंग के हो सकते है .
महर्षि कश्यप ने शनि स्त्रोत की रचना की थी जिसमे भगवान शनिदेव को सभी ग्रहों का राजा बताया था | हालाकि कई जगह नवग्रहों में भगवान सूर्य को राजा बताया गया है |
➜ कैसे पार्वती के श्राप से शनि देव बने अपंग
आज हम एक पौराणिक कथा के माध्यम से जानेंगे की कैसे भगवान शनि को राजा का पद प्राप्त हुआ , उन्होंने ऐसा क्या किया था कि वे सभी नौ ग्रहों में से सबसे उत्तम माने गये |
शनि के नवग्रहों में राजा बनने की कहानी
हमने पुराने आलेख में बताया था की किस तरह भगवान शनि का अपने पिता सूर्य से शत्रुता हुई | श्याम रंग वाले शनि के जन्म के बाद उनके पिता ने उन्हें अपनी संतान नही माना | सूर्य के अनुसार शनि का काला रंग सूर्य देव के रंग से नही मिलता था . सूर्य के अनुसार उनकी पत्नी ने किसी और की संतान को जन्म दिया था . अपनी माँ पर इतना बड़ा लांछन शनि देव सह नही पाए और बचपन से अपने पिता सूर्य से नफरत करने लग गये . वे अपने पिता की गन्दी सोच पर भी बहुत दुखी थे | उनके लिए उनका जीवन एक अभिशाप बन गया था . उन्होंने अपना और अपनी माँ का अपमान का बदला लेने के लिए भगवान शिव की घोर तपस्या शुरू की |
हजारो वर्ष तक वे अपनी तपस्या में लीन रहे और उनकी इस घोर तपस्या के कारण शिव जी को आना ही पड़ा .
उनकी कठोर तपस्या और समर्पण से भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए | भगवान शिव ने शनिदेव से पूछा की उन्हें वरदान में क्या चाहिए |
भगवान शनि ने अपनी पिता सूर्य से भी शक्तिशाली होने का वरदान माँगा क्योकि सूर्य ने उनकी माता को उन्हें लेकर बहुत ज्यादा प्रताड़ित और अपमान किया था .
शनिदेव बने न्यायधिकारी और नवग्रहों के राजा
भगवान शिव शनि से प्रसन्न थे और उन्होंने शनि देव को सभी नवग्रहों का राजा घोषित कर दिया और साथ ही साथ उन्हें सम्पूर्ण पृथ्वी का न्यायधिकारी का पड़ दे दिया | इस तरह आपने देखा कि भगवान शिव के कारण ही शनि सभी ग्रहों में राजा का पद प्राप्त किये .
सबसे प्रभावशाली ग्रह है शनि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी नव ग्रहो में सबसे प्रभावशाली ग्रह इसी कारण शनि देवता को बताया गया है . जिस पर शनि देव की बुरी दशा लग जाये वो राजा से रंक बन जाता है और चारो दिशाओ से उसे दुःख घेर लेते है .
इसके विपरीत जिस व्यक्ति पर शनि की कृपा हो जाये वो हर सुख भोगना शुरू कर देता है . अत: शनि को सबसे प्रभावशाली बताया गया है .
सारांश
- तो सनातन प्रेमियों इस आर्टिकल में हमने आपने जाना वो कहानी जो बताती है कैसे शनि देव ग्रहों के राजा बने . इस महान पद को प्राप्त करने के लिए शनि देव ने क्या किया . आशा करता हूँ कि यह पौराणिक कहानी आपको जरुर अच्छी लगी होगी .
➜भारत में शनि देव के प्रसिद्ध मंदिर कौनसे है ?
➜शनि देवता को प्रसन्न करने के सरल उपाय क्या है ?
➜ पीपल में है शनिवार को रहता है शनि का वास
➜ शनिदेव पर क्यों चढाते है सरसों का तेल
Post a Comment