क्यों भगवान शिव को सावन अत्यंत प्रिय है
Kyo Bhagwaan Shiv Ko Priya hai Sawan || Saawan Shiv Poojan
सावन में शिव पूजा का महत्व || हिन्दू धर्म (Hinduism) में बहुत सारे आराध्य देव और देवी है | इन सभी के अपने अपने पसंदीदा दिन , पूजा विधि , भोग प्रसादी , पुष्प है | भगवान विष्णु को जैसे एकादशी पसंद है वैसे ही भोलेनाथ के प्रिय दिनों में महाशिवरात्रि , प्रदोष व्रत , सावन के सोमवार , फिर हर महीने आने वाली शिवरात्रि और हर सप्ताह आने वाले सोमवार है |
भोले बाबा के भक्तो के लिए ये दिन उनकी पूजा अर्चना के लिए विशेष महत्त्व रखते है | उनकी ठोस मान्यता है की इन दिनों में भोले बाबा की पूजा अधिक सार्थक होती है और फल की प्राप्ति होती है |
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क्यों शिव को सावन का महिना अति प्रिय है ?
पुराणों और धर्मग्रंथो को उठा कर देखे तो भोले बाबा की पूजा के लिए सावन के महीने की महिमा का अत्यधिक महत्व है | इस महीने में ही पार्वती ने शिव की घोर तपस्या की थी और शिव ने उन्हें दर्शन भी इसी माह में दिए थे और पार्वती जी की इच्छा को पूरा कर उन्हें जीवन संगिनी चुना | तब से भक्तो का विश्वास है की इस श्रावण महीने में शिवजी की तपस्या और पूजा पाठ से शिवजी जल्द प्रसन्न होते है और जीवन सफल बना कर हर मनोकामना पूर्ण करते है |
सावन मास 2023 कब से है और जाने इसमें आने वाले पर्व त्योहार
इस साल 2023में सावन का पवित्र महिना दो माह का होगा , क्योकि इस साल अधिकमास आ रहा है जिससे एक महिना सावन का ओर ज्यादा हो जायेगा .
19 साल यह दुर्लभ संयोग बन रहा है कि सावन दो माह का आएगा .यह 3 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 30 अगस्त 2023 को समाप्त होगा . इससे पहले सावन अधिक मास 2004 में आया था .
शिव भक्तो के लिए इसी कारण यह महिना खास होगा क्योकि वो अपनी पूजा अर्चना और भक्ति से भोले बाबा को रिझाएंगे .
सावन महिना 2023 इसलिए भी खास होगा कि इसमे सावन के 8 सोमवार आयेंगे .
सावन मास 2023 में आने वाले सोमवार
इस साल 2023 में सावन मास डबल है तो पूजा भी डबल होगी और फल भी फिर दुगुना मिलेगा . सावन महीने के सोमवार भी दुगुने है . इसमे सबसे बड़े सावन सोमवार अमावस्या तिथि (17 जुलाई ) को और नाग पंचमी (21 अगस्त ) को आ रहे है . बाकी सोमवार किस तारीख और तिथि को आ आहे है आप देख सकते है .
सावन सोमवार | दिनांक |
पहला श्रावण सोमवार | 10 जुलाई अष्टमी तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 17 जुलाई हरियाली अमावस्या तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 24 जुलाई षष्टी तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 31 जुलाई त्रियोदशी तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 07 अगस्त सप्तमी तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 14 अगस्त सप्तमी तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 21 अगस्त नाग पंचमी तिथि |
पहला श्रावण सोमवार | 28 अगस्त द्वादशी तिथि |
शिव मंदिर में भोले के मनोहर श्रंगार और जयकारे :
सावन के महीने में हर शिवालय में बाबा भोलेनाथ का विशेष श्रंगार किया जाता है | बड़ी बड़ी शिव भक्तो की कतारे अपने प्रिय शिव के दर्शन करने मंदिरों में उमड़ती है | भोले के जयकारो से शिवालय गुंजायमान हो जाते है | बम बम भोले , ॐ नमः शिवाय , बोल बम ताड़क बम के हर दिशा में जयकारे सुनाई देते है | सावन के सभी सोमवारों की महिमा शिवरात्रि के दिन से कम नही है | इन सोमवार के दिनों में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना अति मंगलमय है |
इस महीने में पुरे दिल से शिव भक्ति करने से आपके सभी कष्टों का समाधान हो जायेगा और आपकी सभी मंगल कामनाये पूर्ण हो जाएगी |
श्रावण सोमवार के व्रत का महत्व
शिव भक्त सावन में आने वाले चार या पांच सोमवार को व्रत भी रखते है . वे एक ही समय भोजन करते है और श्रावण माहात्म्य और शिव महापुराण की कथा सुनने का विशेष फल प्राप्त होता है . भगवान शिव के मंत्रो का जाप किया जाता है .
शिव कांवड़ियों की धूम :
सावन के महीने में शिव भक्त कांवड़िया लेकर भोले का अभिषेक करने निकालते है | यह यात्रा सावन के महीने में अति रोचक और आनंदायक होती है | वे लोग पवित्र तीर्थ स्थलों से जल भरकर शिव जी का अभिषेक करते है और बोल बम ताड़क बम के जयकारो से दिशाओ को गुंजायमान करते है .
शिवलिंग पर भांग धतुरा चढ़ाया जाता है जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय और प्रसन्न करती है .
सारांश
- तो दोस्तों इस आर्टिकल में आपने जाना कि सावन मास में शिव पूजा का क्या महत्व है . क्या है इसके पीछे के पौराणिक कारण , कैसे करे श्रावण मास में शिव पूजा आदि . आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी .
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