हर दुःख दूर कर देता है साईं कष्ट निवारण मंत्र 

Sai Kasht Niwaran Mantra In Hindi . 

बाबा साई 18 से 19 वी सदी के महान गुरु हुए थे . साई बाबा की महिमा के कारण की आज भी यह देश और विदेश में पूजित है . 

बाबा साई से विनती करने वाला वो चमत्कारी पाठ साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Niwaran Mantra ) है जो बहुत ही प्रभावी है . इसका पाठ नित्य करने से सभी संकट दूर होते है और साई जी कृपा प्राप्त होती है . यदि आप नित्य ना कर सके पाठ तो गुरूवार साई बाबा के दिन जरुर इसका पाठ करे और अपने कष्टों से मुक्ति पाए . 

साई कष्ट निवारण मंत्र है बड़ा सिद्ध


इस पाठ के द्वारा साई को सभी देवी देवता बताकर उनसे विनती की गयी है की वो उनके कष्टों को दूर करे . सभी मजहबो का निचोड़ साई बाबा को बताया गया है . उन्हें हिन्दू देवी देवता , गुरुनानक , जीसस क्रिस्ट , मोहमम्म्द की छवि भी बताई गयी है . 

कष्टों की काली छाया दुखदायी है, जीवन में घोर उदासी लाई है ।
संकट को टालो साई  दुहाई है, तेरे सिवा ना कोई सहाई है । 
मेरे मन तेरी मूरत समाई है, हर पल हर क्षण महिमा गाई है ।
घर मेरे कष्टों की आँधी आई है, आपने क्यों मेरी सुध भुलाई है । 

तुम भोले नाथ हो दया निधान हो, तुम हनुमान हो महा बलवान हो ।
तुम्ही हो राम और तुम्ही श्याम हो, सारे जगत में तुम सबसे महान हो । 

तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे, करता हूँ प्रार्थना भव से तार दो ।
तुम्ही मुहम्मद हो गरीब नवाज हो, नानक की वाणी में ईसा के साथ हो । 

तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो, हो बुद्घ तुम्ही और महावीर हो ।
सारे जगत का तुम्ही आधार हो, निराकार भी और साकार हो । 

करता हूँ वन्दना प्रेम विश्वास से, सुनो साई  अल्लाह के वास्ते ।
अधरों में मेरे नहीं मुस्कान है, घर मेरा बनने लगा श्मशान है । 

रहम नजर करो उजड़े विरान पे, जिन्दगी संवरेगी इस वरदान से ।
पापों की धूप से तन लगा हारने, आपका ये दास लगा पुकारने । 

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आपने सदा लाज बचाई है, देर ना हो जाये मन शंकाई है ।
धीरे-धीरे धीरज ही खोता है, मन में बसा विश्वास ही रोता है । 

मेरी कल्पना साकार कर दो, सूनी जिन्दगी में रंग भर दो ।
ढ़ोते-ढ़ोते पापों का भार जिन्दगी से, मैं हार गया जिन्दगी से । 

नाथ अवगुण अब तो बिसारो, कष्टों की लहर से आके उबारो ।
करता हूँ पाप मैं पापों की खान हूँ, ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूँ । 

करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल मैं, तार दो जीवन ये चरणों की धूल से ।
तुमने उजाड़ा हुआ घर बसाया, पानी से दीपक तुमने जलाया । 

तुमने ही शिरड़ी को धाम बनाया, छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया ।
कष्ट पाप श्राप उतारो, प्रेम दया दृष्टि से निहारो । 

आपका दास हूँ ऐसे ना टालिये, गिरने लगा हूँ साई  सम्भालिये ।
साई  जी बालक मैं अनाथ हूँ, तेरे भरोसे रहता दिन-रात हूँ । 

जैसा भी हूँ, हूँ तो आपका, कीजै निवारण मेरे संताप का ।
तू है सवेरा और मैं रात हूँ, मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ । 

साई  मुझसे मुख ना मोड़ो, बीच मझदार अकेला ना छोड़ो ।
आपके चरणों में बसे प्राण है, तेरे वचन मेरे गुरु समान है । 

आपकी राहों पे चलता दास है, खुशी नहीं कोई जीवन उदास है ।
आंसू की धारा है डूबता किनारा, जिन्दगी में दर्द, नहीं गुजारा । 

लगाया चमन तो फूल खिलाओ, फूल खिले है तो खुशबू भी लाओ ।
कर दो इशारा तो बात बन जाए, जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये । 
बीता जमाना ये गाकें फसाना, सरहदें जिन्दगी मौत तराना ।
देर तो हो गयी है अंधेर ना हो, फिक्र मिले लेकिन फरेब न हो । 

देके टालो या दामन बचा लो, हिलने लगी रहनुमाई सम्भालो ।
तेरे दम पे अल्लाह की शान है, सूफी संतों का ये बयान है । 

गरीब की झोली में भर दो खजाना, जमाने के वाली करो ना बहाना ।
दर के भिखारी है मोहताज है हम, शहंशाहे आलम करो कुछ करम । 

तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत, तुम सदगुरु साई   हो समरथ ।
आए तो धरती पे देने सहारा, करने लगे क्यों हमसे किनारा । 

जब तक ये ब्रहमांड रहेगा, साई  तेरा नाम रहेगा ।
चाँद सितारे तुम्हें पुकारेंगें, जन्मोजन्म हम रास्ता निहारेंगें । 

आत्मा बदलेगी चोले हजार, हम मिलते रहेंगे हर बार ।
आपके कदमों में बैठे रहेंगे, दुखड़े दिल के कहते रहेंगे । 

आपकी मरजी है दो या ना दो, हम तो कहेंगे दामन ही भर दो ।
तुम हो दाता हम है भिखारी, सुनते नहीं क्यों अरज हमारी । 

अच्छा चलो इक बात बता दो, क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो ।
जो नहीं देना है इन्कार कर दो, खत्म ये आपस की तकरार कर दो । 

लौट के खाली चला जाऊँगा, फिर भी गुण तो गाऊँगा ।
जब तक काया है तब तक माया है, इसी में दुःखों का मूल समाया है । 

सब कुछ जान के अनजान हूँ मैं, अल्लाह की तू शान तेरी हूँ शान में ।
तेरा करम सदा सबपे रहेगा, ये चक्र युग-युग चलता रहेगा । 

जो प्राणी गायेगा साई  तेरो नाम, उसको मिले मुक्ति पहुँचे परमधाम ।
ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगें, राहू, केतु, शनि निकट ना आएँगे । 

टल जाएंगें संकट सारे, घर में वास करें सुख सारे ।
जो श्रद्घा से करेगा पठन, उस पर देव सभी हो प्रसन्न । 

रोग समूह नष्ट हो जायेंगें, कष्ट निवारण मन्त्र जो गाएँगें ।
चिन्ता हरेगा निवारण जाप, पल में हो दूर हो सब पाप । 

जो ये पुस्तक नित दिन बांचे, लक्ष्मी जी घर उसके सदा बिराजै ।
ज्ञान बुद्घि प्राणी वो पायेगा, कष्ट निवारण मंत्र जो ध्यायेगा । 

ये मन्त्र भक्तों कमाल करेगा, आई जो अनहोनी तो टाल देगा ।
भूत प्रेत भी रहेंगे दूर, इस मन्त्र में साई  शक्ति भरपूर । 

जपते रहे जो मंत्र अगर, जादू टोना भी हो बेअसर ।
इस मंत्र में सब गुण समाये, ना हो भरोसा तो आजमाएँ । 

ये मंत्र साई  वचन ही जानो, स्वयं अमल कर सत्य पहचानो ।
संशय ना लाना विश्वास जगाना, ये मंत्र सुखों का है खजाना । 

इस मंत्र में सांई का वास, सांई दया से ही लिख पाया दास ।।

उपसंहार 

  1. तो मित्रो यह था साई बाबा का चमत्कारी मंत्र पाठ - साई कष्ट निवारण मंत्र . यदि आप इसे PDF File में चाहते है तो जल्दी ही यहा इसका लिंक भी दे दिया जायेगा . आपको यह पाठ कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये 

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