नाकोड़ा तीर्थ में विराजित भैरव

शिव के गण भैरव जी कलियुग के जाग्रत देवता है और देश के कोने कोने में इनके प्रसिद्ध मंदिर आपको देखने को मिल जायेंगे . स्वान की सवारी रखने वाले भैरव जी काशी के कोतवाल है तो उज्जैन में काल भैरव मंदिर में चमत्कारी रूप से मदिरा पान करते है . दिल्ली में किलकारी भैरव  मंदिर पांडवो के समय से है . 

आज हम इनके एक और प्रसिद्ध मंदिर नाकोड़ा मंदिर के बारे में आपको बताने वाले है . 

नाकोड़ा में भैरव प्रकट होने की कहानी 

गुरुदेव हिमाचल सुरिश्वर जी एक बार सुबह लेटे हुए थे | उन्हें एक बालक पाट के पास फिरता नजर आया | उन्होंने उस बालक को रोककर उसका परिचय पूछा | उस दिव्य तेज वाले बालक ने खुद को भैरव देव बताया और आदेश दिया की उन्हें भी भगवान पार्श्वनाथ जी के मंदिर में बैठाया जाये |

नाकोडा भैरव मंदिर


गुरुदेव चिंता में पड़ गये की जिस भैरव के मदिरा बलि सिंदूर चढ़ता है उसे जैन मंदिर में कैसे बैठाये | उन्होंने भैरव जी से विनती की की जैन नियमो के तहत आपको मेवा प्रसाद का हो भोग लगेगा और आपको जनेऊ धारण करनी होगी | भैरव जी मान गये |

भैरव जी गुरुजी से कहा की अब आप मेरा कमर तक धड़ बनाओ | इसके लिए जैसलमेर से पिला पत्थर मंगवाओ | गुरूजी ने भैरव जी की आज्ञा का पालन करते हुए जैसलमेर से पीला पत्थर मंगवाया और सोमपुरा मूर्तिकार से भैरव जी की मूर्ति का निर्माण करवाया | मूर्ति इतनी दिव्य और मनोहर बनी की बस देखते ही रह जाओ |

अब विधि विधान से भैरव जी को नाकोड़ा तीर्थ के पार्श्वनाथ मंदिर में गोखले में विराजित किया गया | साथ ही हनुमानजी की प्रतिमा भी उनके साथ लगाई गयी |

नाकोड़ा में विराजित भैरव की प्रतिमा


तो दोस्तों देखा आपने किस तरह से भैरव जी नाकोड़ा में चमत्कारी रूप से प्रकट हुए और यह मन्दिर बना . 

श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ कहाँ है ? 

एक जैन मंदिर में भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित है और यहा जैन धर्म को मानने वाले भैरव जी की पूजा अर्चना करते है ,साथ ही हिन्दू धर्म में लोग भी भैरव दर्शन करने यहा आते है .

यह मंदिर राजस्थान राज्य में बाडमेर के नाकोडा ग्राम में है .  यहा भैरव जी को नाकोडा पार्श्वनाथ भी कहा जाता है . 

कैसे पहुंचे नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ 

यह जगह राजस्थान में जोधपुर से 115 किमी की दुरी पर है . जोधपुर राजस्थान का एक बड़ा शहर है जो हवाई मार्ग , रेल मार्ग और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है . यहा से आपको बस या कार के द्वारा नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर की यात्रा करनी पड़ेगी . 

गोलू देवता का प्रसिद्ध मंदिर जहाँ भक्त करते है घंटी भेंट 



1 Comments

  1. अच्छी जानकारी, जय भैरवनाथ🙏

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