भगवान कृष्ण को बंसी शिवजी ने दी
Why Lord Krishna always hold Flute in krishna
भगवान कृष्णा से जुडी बंसी के पीछे अलग अलग कथाये है जिनमे से एक भगवान शिव से जुडी और अन्य बबूल के पेड़ से जुडी कथा मुख्य है | इस कथा से आप जानेंगे की कृष्ण को उनकी बांसुरी क्यों इतनी ज्यादा प्रिय है .
भगवान शिव ने दी कृष्णा को बंसी :
जब कृष्ण ने द्वापर युग में जन्म लिया तब देवी देवता वेश बदल बदल कर उनसे मिलने गोकुल आने लगे | भगवान विष्णु का यह अवतार बहुत जी सुन्दर था . भगवान शंकर क्यों पीछे रहने वाले थे पर उन्हें भेट रूप में कुछ ऐसा देना था जो प्रभु कृष्ण अपने बचपन से लेकर अपनी उम्र तक अपने साथ रख सके |
आपने वो भजन जरुर सुन रखा होगा कि एक दिन वो भोले भंडारी बनाकर ब्रज की नारि गोकुल में आ गये थे .
शिवजी के पास दाधीच ऋषि की एक महाशक्तिशाली हड्डी पड़ी थी | दाधीच ऋषि वही थे जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने शक्तिशाली शरीर की सभी हड्डिया दान कर दी थी | इन्ही हड्डियों से विश्वकर्मा ने तीन धनुष क्रमशः शारंग,पिनाक और गांडीव और एक वज्र तैयार किया था | यह सभी अस्त्र शस्त्र बहुत ही शक्तिशाली थे |
शिवजी ने इसी हड्डी के उस टुकड़े को घिस कर एक अनुपम और मनोहर बंसी बनाई | जब शिवजी कृष्णा ने मिलने गोकुल पहुँचे तब उन्होंने बाल कृष्णा को यह बंसी भेट की | तभी से श्री कृष्ण इसे अपने पास इसे शिव आशीष की तरह हमेशा रखते है |
यह महातपस्वी की हड्डी थी जो उन्होंने धर्मार्थ दी थी और इसी हड्डी से बनी बंसी को हमेशा साथ में रखने से श्री कृष्ण ने हमेशा धर्म की विजय और अधर्म का नाश करवाया है .
तो दोस्तों इस पौराणिक कहानी से आपने जाना कि क्यों भगवान श्री कृष्ण को बांसुरी पसंद है और क्यों वो हमेशा इसे अपने साथ रखते है .
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