धन के देवता कुबेर की कहानी
Kuber Devta Ki Hindi Kahani || Kaise Kuber Bane Dhan Ke Devta .
माता लक्ष्मी की पूजा धन की देवी के रुप में होती है तो धन के देवता के रुप में पूजे जाते हैं कुबेर देव. कुबेर धन के देवता कहे जाते हैं लेकिन उनके कुबेर बनने की कहानी शायद हर कोई नहीं जानता है.
तो आइए जानते हैं कि कुबेर देव की कहानी से कि असल में कौन थे और किसकी कृपा दृष्टि से वो धन के देवता कहलाए. कैसे बने कुबेर धन के देवता .
पूर्व जन्म में गरीब ब्राह्मण थे कुबेर
Kuber Devta Ki Hindi Kahani
पौराणिक कथा के अनुसार वे एक गुणनिधि नाम के ब्राह्मण थे , पिता से धर्म का ज्ञान लेकर भी वे एक जुआरी बन गये | उनके पिता को जब इस बात का पता चला तब उन्होंने अपने पुत्र को घर से निकाल दिया | बेघर होने के बाद गुणनिधि की हालत अति दयनीय हो गयी | वे भिक्षा मांगकर अपना जीवन व्यतीत करने लगे |
एक बार ऐसे ही दर दर भटकते भटकते वे जंगल में निकल गये | उसी रास्ते से कुछ भोजन सामग्री लेकर एक ब्राह्मण समूह वहा से गुजर रहा था | भूख प्यास से व्याकुल गुणनिधि भोजन की आस में उनके पीछे हो गये |
कुछ क्षण बाद वह ब्राह्मण समूह एक शिवालय में रुक गये और भगवान शिव को भोजन का भोग लगाकर उनका कीर्तन करने लगे | रात्रि में जब वे सभी सो गये तब गुणनिधि ने भगवान शिव को अर्पित भोग चुराया लिया पर उनमे से एक ब्राह्मण ने उन्हें यह चोरी करते देख लिया | वह चोर चोर चिल्लाने लगा | सभी ब्राह्मण गुणनिधि के पीछे पड़ गये | गुणनिधि अपनी जान बचाकर भागा | पर नगर के रक्षक द्वारा मारा गया |
महाशिवरात्रि से थे अनजान फिर भी सफल हुआ व्रत :
यह दिन कोई आम दिन नही था बल्कि महाशिवरात्रि का दिन था | इस दिन से अनजान गुणनिधि से भगवान शिव का व्रत हो गया और वे भूखे ही शिव लीला से मर गये पर शिवजी का व्रत खाली कैसे जा सकता है | गुणनिधि ने नया जन्म लिया |
गुणनिधि बने कलिंग ले राजा :
नए जीवन में वे कलिंग के राजा बने और महान शिव भक्त हुए | अपनी अटूट शिव भक्ति से उन्हें भगवान शिव ने यक्षों का स्वामी तथा देवताओं का कोषाध्यक्ष बना दिया |
इस तरह एक गरीब ब्राह्मण को भोलेनाथ ने धन का देवता कुबेर नियुक्त कर दिया |
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