वास्तुशास्त्र से कैसी होनी चाहिए घर में सीढ़ियां
Vastu Tips For Ladder – Siddhi
हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र दिशाओ के ज्ञान के लिए अत्यंत जरुरी है | एक अच्छे समृधि भरे घर में हर भाग वास्तु के हिसाब से होनी चाहिए | वास्तु शास्त्र के अनुसार ही घर का नक्शा बनाया जाता है | घर में सीढ़ी प्रगति का प्रतीक मानी जाती है | यह घर के आर्थिकता को नियंत्रित करती है | यह खुबसूरत होने के साथ साथ वास्तु के नियमो पर भी खरी उतरनी चाहिए | घर में सीढियां किस दिशा में और कैसी हो , आइये जानते है |
>>जो घर में सीढ़ी बना रहे है यदि उसमे घुमाव है तो उसे दक्षिणावर्ती घुमाव दे |
>>सीढियो की संख्या हमेशा विषम रहे जैसे 11, 15 आदि |सिंपल नियम है कि संख्या को ३ से विभाजित करने पर शेष 2 रहना चाहिए | जैसे 5,11,17,23,29 आदि |
>>शौचालय या मंदिर सीढियो के निचे नही बनाये | ना ही उसके निचे जूते चप्पल रखे | हम ज्यादातर सीढियो के निचे कबाड़ खाना बना देते है और चीजे बिखेर कर रख देते है . जहाँ तक हो सके सीढियो के निचे कोई चीजे ना रखे , यदि फिर भी जरुरी हो तो सामान को जमा कर रखे .
>>घर में इनकी दिशा दक्षिण या पश्चिम भाग में होनी चाहिए और आप जब इस पर चढ़े तो आपका मुख पूर्व और उत्तर की तरफ होना चाहिए |
>>ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण कभी ना कराये | सबसे अच्छी जगह घर की दक्षिण दिशा है |
>>घर के प्रवेश द्वार से सीढ़ी नही दिखनी चाहिए |
>> यदि किसी मकान में सीढ़ियां पूर्व या उत्तर दिशा में बनी हों तो यह वास्तु दोष है | अत: इसकी शांति के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक कक्ष बनवा दे ।
>> यदि सीढ़ियो में वास्तु दोष है और आप तोड़ कर दुबारा नही बनाना चाहते तो आप स्टोन पिरामिड की स्थापना करा ले | यह दोष को कम करता है | आप चाहे तो किसी ज्ञान पंडित से वास्तु दोष निवारण यंत्र की भी घर पर स्थापना करा कर नित्य पूजा करे .
>> सीढ़ियों के दोनों ओर सुन्दर और मजबूत रेलिंग लगानी चाहिए ।
>> कभी भी सीढ़ी में गन्दगी और मकड़ी के जाले नही लगे रहने चाहिए |
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