शिर्डी साई बाबा मंदिर में बनाये जाने वाले त्योहार
Famous Festivals Celebrated in Shirdi Town .
शिर्डी महाराष्ट्र राज्य का वो गाँव जिसके चारो तरफ 100 किमी की दुरी तक सब साईमय है . 'स' से साई और 'श' से शिर्डी एक दुसरे की पहचान बन चुके है .
शिर्डी गाँव में बना है भारत का सबसे बड़ा साई बाबा समाधी मंदिर . साई संस्थान ट्रस्ट इसके रखरखाव और कार्यो का निर्वहन करती है .
साई बाबा जब तक शिर्डी में रहे तब तक वे हिन्दुओ और मुस्लिमो के त्योहार को धूम धाम से मनाते थे .
तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि शिर्डी गाँव में कौनसे त्योहार और पर्व बड़ी धूम धाम से मनाये जाते है .
गुरु पूर्णिमा
Guru Poornima Festival Celerbration in Shirdi .
साई बाबा गुरु के समान अँधेरे से प्रकाश की तरफ ले जाने वाले सदगुरु थे जिन्होंने इन्सान को जात पात धर्म से ऊपर उठकर मानवता का पाठ पढाया .
यही कारण है कि सद्गुरु साई नाथ महाराज के लिए शिरडी में गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष प्रोग्राम रखा जाता है .
शिर्डी में गुरु पूर्णिमा महोत्सव 3 दिन लगातार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है .
गुरु पूर्णिमा के इस तीन दिन के महोत्सव में समाधी मंदिर , द्वारकामाई , लेंडीबाग़ और गुरुस्थान को बहुत ही भव्य तरीके से फुल पत्तियों से सजाया जाता है . देश विदेश से हजारो भक्त शिर्डी में दर्शन करने और इस पर्व का हिस्सा बनने आते है . वे असीम श्रद्धा और भक्तिभाव से इन दिनों का आनंद लेते है
इस महोत्सव में साई अभिषेक , श्रंगार , हवन , साई भजन संध्या और अन्य संस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों को शामिल किया जाता है .
राम नवमी
बाबा साई जब शिर्डी में रहते थे , उनके द्वारा मनाये जाने वाले त्योहारों में से मुख्य था रामनवमी . साई बाबा 1898 से इसे द्वारकामाई में मना रहे थे . साई बाबा के महासमाधी के बाद उनके भक्त हर साल रामनवमी बड़ी धूम धाम से समाधी मंदिर में मनाते है .
जैसा की आपको पता है कि राम नवमी के दिन भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में दशरथ जी के घर हुआ था .
भारत में सभी जगह राम नवमी बड़ी धूम धाम से मनाई जाती है .
शिर्डी में राम नवमी का पर्व भी तीन दिन चलता है . पहले दिन साई सत्चरित्र का पाठ किया जाता है जो हेमादपन्त जी ने लिखी है . मंदिर में रामायण की तर्ज पर बहुत बड़े मंडप बनाकर राम के दर्शन कराये जाते है .
अगले दिन पालकी उत्सव धूम धाम से मनाया जाता है और श्री राम के चरित्र से जुड़े कई प्रोग्राम किये जाते है .
पढ़े - साई के मुख्य मंदिर भारत में कौनसे है
दशहरा
Dussehra Celebration in Shirdi Town .
बाबा साई ने दशहरे के दिन ही शिर्डी में अपने भक्तो के सामने महा समाधी ली थी , इसलिए इस दिन साई बाबा की पुण्यतिथि मनाई जाती है .
हिन्दू पंचांग के अनुसार दशहरा तिथि के अनुसार मनाया जाता है . आज से 100 साल से पहले 15 अक्टूबर 1918 के दिन साई बाबा ने दशहरे के दिन ही महासमाधी ली थी .
इसलिए शिर्डी में और साई भक्तो के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है . इस दिन को शिर्डी में महासमाधी दिवस के नाम से जाना जाता है .
भक्त लोग दशहरे से कुछ दिन पहले ही आकर यहा धर्मशालाओ और होटलों में रुक जाते है जिससे सुबह और शाम को मंदिर में होने वाले विभिन्न कार्यकर्मो का हिस्सा बन सके .
इस दिन साई बाबा की पालकी नगर भ्रमण करती है जिसका हिस्सा होना हर साई भक्त चाहता है .
मंदिर और उसके आस पास की जगह को फूलो और विशेष लाइटो से सजाया जाता है . दशहरा भी तीन दिनों तक चलने वाला प्रोग्राम है .
मुख्य दिन मंदिर पूरी रात भक्तो के दर्शनार्थ खुला रहता है .
इस दिन ब्राहमण भोज का आयोजन किया जाता है जिसमे ब्राह्मणों को खाना खिलाकर दक्षिणा दी जाती है .
इसके अलावा हिन्दुओ के सभी मुख्य प्रोग्राम शिर्डी में धूम धाम से मनाये जाते है . जिसमे गणेश चतुर्थी , शिवरात्रि , दत्ताजयंती , दीपावली , रक्षाबंधन , एकादशी आदि है .
पढ़े :- साई बाबा का गुरुवार व्रत कथा का महत्व और विधि
प्रश्न उत्तर
प्रश्न : शिर्डी साई बाबा के मंदिर में मुख्य पर्व और त्योहार कौनसे है ?
उत्तर : शिर्डी साई बाबा जी के मंदिर में वैसे तो सभी हिन्दू पर्व धूम धाम से मनाये जाते है पर सबसे मुख्य है गुरु पूर्णिमा , राम नवमी और दशहरा .
प्रश्न : शिर्डी मंदिर में त्यौहार का मुख्य आकर्षण क्या होता है
उत्तर : शिर्डी गाँव में निकाली जाने वाली पालकी यात्रा और मंदिर और साई बाबा की मनमोहक सजावट मुख्य आकर्षण होता है .
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