जनम जनम से भटक रही हूँ मेरे साई सीरियल भजन
Janam Janam Bhatak Rahi Hai , Rahe Dikha De Sai .
Mere Sai Sony TV Serail Song Lyrics in Hindi .
Mere Sai Tv Serial Song - Janam Janam Se Bhatak Rahi Hun -Flora Saini .
जनम जनम से भटक रही हूँ मेरे साईं
पारस छुए जो लोहखंड, कनक रूप सुहाए।
मेरे साईं छुएं जो पत्थर भी, तो वो पारस कहलाये।जनम जनम से भटक रही हूँ, राह दिखा दे साईं,
जनम जनम से भटक रही हूँ, राह दिखा दे साईं।
खंडहर भी तेरी चरण धूल से, बनती है द्वारकामाई।
माया बाजार में नाची यों, खुद को समझ के काया।
अहम् के झूठे गहनों से, हर पल खुद को सजाया।
पर पीछे सारे पर्दो के अंधकार ही पाया।
सुना है केवल पानी से ही तुमने है ज्योति जलाई।
रोग भव का हर दो साईं, दूर ये सारे भरम करो।
मैं हार गयी हूँ खुद से ही,साईं मुझ पे रहम करो।
ये मैली चुनर धो पाऊं मैं, बस इतना ही करम करो।
ज्ञान का चोला साईं पुराओ तुम ही मेरी कन्हाई।
तेरे चरणों के अमृत से, कर्म ये कारे धो लूँ मैं।
बैरागन बन इक धुन छेड़ूँ, ले इक तारा डोलू मैं।
मेरे गीतों में अब साईं, तेरा संदेसा बोलूं मैं।
साईं अंतरमन की पुकार, तूने ही आज सुनाई।
जनम जनम से भटक रही हूँ, राह दिखा दे साईं,
जनम जनम से भटक रही हूँ, राह दिखा दे साईं।
खंडहर भी तेरी चरण धूल से, बनती है द्वारकामाई।
इस भजन में साई की महिमा बताई गयी कि वे खंडहर में भी पैर रख दे तो वो भी खंडहर नही एक मंदिर बन जाता है .
साई से जो विमुख है वो अमीर होकर भी बहुत गरीब है क्योकि सच्चा सुख तो साई कृपा से ही बरसता है .
साई आशीष से बड़े बड़े पापी भी तर जाते है . साई बाबा से अपने अवगुणों को दूर कर ज्ञान का प्रकाश पाने की बात इस भजन के माध्यम से बताई गयी है .
रहम नजर साई भजन लिरिक्स - Raham Najar Sai Hindi Sai Bhajan Lyrics
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